dc.contributor.author | अग्रवाल, पुष्पेंद्र कुमार | |
dc.date.accessioned | 2021-06-22T15:05:13Z | |
dc.date.available | 2021-06-22T15:05:13Z | |
dc.date.issued | 2005 | |
dc.identifier.citation | भगीरथ | en_US |
dc.identifier.uri | http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/6057 | |
dc.description.abstract | पृथ्वी का तीन चौथाई क्षेत्र जलमग्न होने के कारण इसे नीले गृह के रूप में भी जाना जाता है, आकलन के अनुसार पृथ्वी पर उपलब्ध जल की कुल मात्रा 14 लाख घन किलोमीटर है। | en_US |
dc.language.iso | other | en_US |
dc.publisher | CWC | en_US |
dc.subject | जल संसाधन प्रबंधन | en_US |
dc.subject | जल समस्या | en_US |
dc.title | जल संसाधन प्रबंधन : समस्याएँ एवं समाधान | en_US |
dc.type | Article | en_US |