dc.contributor.author |
नेमा, एम. के. |
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dc.date.accessioned |
2021-02-25T14:57:55Z |
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dc.date.available |
2021-02-25T14:57:55Z |
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dc.date.issued |
2017 |
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dc.identifier.citation |
जल चेतना, खंड 6, अंक 2, जुलाई 2017 |
en_US |
dc.identifier.uri |
http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/5838 |
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dc.description.abstract |
सतही जल प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं लेकिन अपशिष्ट जल के उपचार के अभाव के कारण यह उपाय पर्याप्त नहीं हैं। |
en_US |
dc.language.iso |
other |
en_US |
dc.publisher |
National Institute of Hydrology |
en_US |
dc.subject |
सतही जल प्रदूषण |
en_US |
dc.subject |
अपशिष्ट जल |
en_US |
dc.subject |
एकीकृत शहरी जल प्रबंधन |
en_US |
dc.title |
आमुख कथा- भारतीय परिप्रेष्य में एकीकृत शहरी जल प्रबंधन का महत्व |
en_US |
dc.type |
Article |
en_US |