dc.contributor.author | नेमा, एम. के. | |
dc.date.accessioned | 2021-02-23T21:11:51Z | |
dc.date.available | 2021-02-23T21:11:51Z | |
dc.date.issued | 2020 | |
dc.identifier.citation | मंथन, पृष्ठ 53-57 | en_US |
dc.identifier.uri | http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/5834 | |
dc.description.abstract | पृथ्वी पर केवल 2.5% जल ही पीने योग्य है और इसका केवल 0.1% ही मनुष्यों के लिए सुलभ है, जबकि प्रत्येक मनुष्य को जीवित रहने के लिए इसकी आवश्यकता है। | en_US |
dc.language.iso | other | en_US |
dc.publisher | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की | en_US |
dc.subject | अवायवीय व्यायाम | en_US |
dc.subject | जल प्रदूषण | en_US |
dc.subject | बेबिट युक्त बेयरिंग | en_US |
dc.subject | कोविड-19 संकट | en_US |
dc.title | कोविड-19 संकट के परिपेक्ष्य में भारतीय जल क्षेत्र की चुनौतियाँ एवं समाधान | en_US |
dc.type | Article | en_US |