dc.contributor.author |
जयसवाल, आर. के. |
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dc.contributor.author |
थामस, टी. |
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dc.contributor.author |
पाटिल, ज्योति पी. |
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dc.contributor.author |
गुप्ता, मीता |
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dc.contributor.author |
गोयल, वी. सी. |
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dc.date.accessioned |
2020-07-02T06:44:38Z |
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dc.date.available |
2020-07-02T06:44:38Z |
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dc.date.issued |
2019 |
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dc.identifier.citation |
भारतीय कृषि अनुसंधान पत्रिका 34(2):99-105,2019 |
en_US |
dc.identifier.uri |
http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/4437 |
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dc.description.abstract |
यह एक सर्वविदित तथ्य है की सूखे से बचना कभी संभव नहीं है, लेकिन स्थानीय आबादी की कठिनाइयों को कम करने का प्रबंध किया जा सकता है। इस प्रयोजन के लिए, आपूर्ति मांग परिदृश्य की समझ किसी भी वाटरशेड की समग्र जल विज्ञान और योजना आवश्यकताओं को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। |
en_US |
dc.language.iso |
other |
en_US |
dc.publisher |
भारतीय कृषि अनुसंधान समिति |
en_US |
dc.subject |
बुंदेलखंड |
en_US |
dc.subject |
क्रापवाट |
en_US |
dc.subject |
एस. सी. एस. सी.एन |
en_US |
dc.subject |
सजनाम वाटरशेड |
en_US |
dc.subject |
जल संतुलन |
en_US |
dc.title |
सजनाम वाटरशेड,ललितपुर उत्तरप्रदेश का जल संतुलन आंकलन |
en_US |
dc.type |
Article |
en_US |