dc.contributor.author |
त्यागी, जयवीर |
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dc.contributor.author |
श्रीवास्तव, एस. एल. |
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dc.contributor.author |
सिंह, आर. डी. |
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dc.date.accessioned |
2019-08-06T05:13:11Z |
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dc.date.available |
2019-08-06T05:13:11Z |
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dc.date.issued |
2012 |
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dc.identifier.citation |
भारतीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान पत्रिका, वर्ष 20, अंक 1, जून 2012, पृष्ठ 82-86 |
en_US |
dc.identifier.uri |
http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/3295 |
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dc.description.abstract |
भारत के सिंचित कृषि क्षेत्र में पानी का उपयोग ना होना एक चिंता का विषय है| अन्य क्षेत्रों में पानी की बराबर बढ़ती मांग के कारण सन 2025 तक सिंचाई क्षेत्र में पानी के वर्तमान हिस्सेदारी 84% से घटकर 74 % तक होने का अनुमान है| |
en_US |
dc.language.iso |
other |
en_US |
dc.publisher |
निस्केयर |
en_US |
dc.subject |
जल उपयोग |
en_US |
dc.subject |
मृदा नमी |
en_US |
dc.title |
सिंचाई जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने के लिए मृदा नमी आंकलन की तकनीके |
en_US |
dc.type |
Article |
en_US |