Please use this identifier to cite or link to this item:
http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/6066
Full metadata record
DC Field | Value | Language |
---|---|---|
dc.contributor.author | त्यागी, जयवीर | - |
dc.contributor.author | अग्रवाल, पुष्पेंद्र कुमार | - |
dc.date.accessioned | 2021-06-23T21:11:58Z | - |
dc.date.available | 2021-06-23T21:11:58Z | - |
dc.date.issued | 2016 | - |
dc.identifier.citation | भारतीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान पत्रिका, वर्ष 24, अंक 1 जून 2016 पृ. 27-30 | en_US |
dc.identifier.uri | http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/6066 | - |
dc.description.abstract | वन आच्छादित क्षेत्र अक्सर अनेक वृहत नदियों के शीर्ष जल आवाह क्षेत्र को निर्मित करते हैं। अतः सरिता प्रवाह वनों से होने वाले सर्वाधिक महत्व्पूर्ण वहिर्वाह में से एक है। | en_US |
dc.language.iso | other | en_US |
dc.publisher | सी.एस.आई.आर.-निस्केयर | en_US |
dc.subject | वनीय-जलविज्ञान | en_US |
dc.subject | वनीय जलविज्ञान- शोध | en_US |
dc.subject | जल आवाह | en_US |
dc.title | बदलते वन परिदृश्य में वनीय-जलविज्ञान के क्षेत्र में शोध आवशयकताए | en_US |
dc.type | Article | en_US |
Appears in Collections: | Research papers in National Journals |
Files in This Item:
File | Description | Size | Format | |
---|---|---|---|---|
बदलते वन परिदृश्य में वनीय जलविज्ञान के क्षेत्र में शोध आवश्यकताएँ.pdf | 36.73 kB | Adobe PDF | View/Open |
Items in DSpace are protected by copyright, with all rights reserved, unless otherwise indicated.