Please use this identifier to cite or link to this item:
http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/5881
Full metadata record
DC Field | Value | Language |
---|---|---|
dc.contributor.author | नेमा, एम. के. | - |
dc.date.accessioned | 2021-03-03T16:12:47Z | - |
dc.date.available | 2021-03-03T16:12:47Z | - |
dc.date.issued | 2013 | - |
dc.identifier.citation | प्रवाहिनी अंक 21, 2013-14, पृष्ठ 9-12 | en_US |
dc.identifier.uri | http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/5881 | - |
dc.description.abstract | आदिकाल से ही मानसून और चौमासा भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग रहें हैं। हमारे यहाँ कुल जितना पानी बरसता है उसका 70-90 प्रतिशत चौमासे में ही गिर जाता है। | en_US |
dc.language.iso | other | en_US |
dc.publisher | राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की | en_US |
dc.subject | बारिश | en_US |
dc.subject | मानसून | en_US |
dc.subject | जलवायु परिवर्तन | en_US |
dc.title | भारतीय मानसून एवं जलवायु परिवर्तन | en_US |
dc.type | Article | en_US |
Appears in Collections: | Research papers in National Journals |
Files in This Item:
File | Description | Size | Format | |
---|---|---|---|---|
भारतीय मानसून एवं जलवायु परिवर्तन.pdf | 6.55 MB | Adobe PDF | View/Open |
Items in DSpace are protected by copyright, with all rights reserved, unless otherwise indicated.