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http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/3307
Full metadata record
DC Field | Value | Language |
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dc.contributor.author | नेमा, एम. के. | - |
dc.date.accessioned | 2019-08-07T06:58:34Z | - |
dc.date.available | 2019-08-07T06:58:34Z | - |
dc.date.issued | 2014 | - |
dc.identifier.citation | जल चेतना, खंड 3, अंक 1, पृष्ठ 14-17, जनवरी 2014 | en_US |
dc.identifier.uri | http://117.252.14.250:8080/jspui/handle/123456789/3307 | - |
dc.description.abstract | भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और हमारी कृषि मानसून पर आश्रित है | गहराते जल संकट और जलवायु परिवर्तन के परिप्रेष्य में हम मानसून की अनियमीतता से अधिक पीडित हैं और हुमे अपनी जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है| | en_US |
dc.language.iso | other | en_US |
dc.publisher | राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की | en_US |
dc.subject | कृषि | en_US |
dc.subject | मॉनसून | en_US |
dc.title | नदियों को जोड़ने की चुनौती | en_US |
dc.type | Article | en_US |
Appears in Collections: | Research papers in National Journals |
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